श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Ashtakam (with Hindi Meaning)

श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित)
Shri Ashtakam (with Hindi Meaning)

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ॥
अर्थ: हे आदि देव ! आपको नमस्कार है । हे भास्कर ! आप मुझ पर प्रसन्न हों। हे दिवाकर ! आपको नमस्कार है । हे प्रभाकर ! आपको नमस्कार है ।

सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्ड कश्यपात्मजम् ।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ।।
अर्थ: जो सात घोड़ों के रथ पर आरूढ़ हैं, प्रचण्ड तेजस्वी हैं. महर्षि कश्यप के पुत्र हैं, सफेद कमल धारण किये हुये है उन सूर्यदेव को मैं प्रणाम करता हूँ ।

लोहितं रथम् आरूढं सर्वलोकपितामहम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
अर्थ: जो लोहित (लाल) रंग के रथ पर आरूढ़ हैं, सारे संसार के पितामह हैं, बड़े से बड़े पापों को भी नष्ट करने वाले हैं- उन सूर्यदेव को मैं प्रणाम करता हूँ ।

त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्माविष्णुमहेश्वरम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
अर्थ:  जो त्रिगुणमयी ब्रह्मा-विष्णु-शिव स्वरूप हैं, महान् बलशाली हैं, महापापों को भी नष्ट करते हैं- उन सूर्यदेव को मैं प्रणाम करता हूँ ।

बृहितं तेजःपुञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
अर्थ: जो बढ़े हुये तेज के पुञ्ज हैं, वायु तथा आकाश स्वरूप हैं, सारे लोकों के स्वामी हैं- उन सूर्यदेव को मैं प्रणाम करता हूँ ।

बन्धूकपुष्पसंकाशं हार-कुण्डल- भूषितम् ।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
अर्थ: जो बन्धूक (दोपहर) के पुष्प के समान (लाल) हैं, हार तथा कुण्डल धारण किये हुये हैं, जिन्होंने एक चक्र धारण किया हुआ है- उन सूर्यदेव को मैं प्रणाम करता हूँ ।

तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेजः प्रदीपनम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
अर्थ: जो सारे संसार के कर्ता हैं, महान् तेज को प्रदीप्त करते हैं, महापापों को नष्ट करते हैं- उन सूर्यदेव को मैं प्रणाम करता हूँ ।

तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥
अर्थ: 
जो सूर्य सारे संसार के स्वामी हैं, ज्ञान-विज्ञान और मोक्ष देने वाले हैं, बड़े से बड़े पापों को भी नष्ट कर देते हैं- उन सूर्यदेव को मैं प्रणाम करता हूँ ।

॥ इति श्रीशिवप्रोक्तं सूर्याष्टकं सम्पूर्णम् ॥

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