रावण रचित श्री शिव ताण्डव स्तोत्र | Ravan Rachit Shiv Tandav Strotra | सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम् | SarthShivTandavStrotram
रावण रचित श्री शिव ताण्डव स्तोत्र जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले, गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम् ॥१॥ जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी, विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि। धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके, किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम: ॥२॥ धराधरेंद्रनंदिनी … Read more