भरदे रे श्याम झोली भरदे | Bharde re Shyam Jholi Bharde

भरदे रे श्याम झोली भरदे | Bharde re Shyam Jholi Bharde bhajan

भरदे रे श्याम झोली भरदे,भरदे, ना बहला ओ बातों में,ना बहला ओ, बातों में ॥नादान है अनजान हैं,श्याम तू ही मेरा भगवान है,तुझे चाहूं तुझे पाऊं,मेरे दिल का यही अरमान है,पढ़ ले रे श्याम दिल … Read more

श्री श्याम अखंड ज्योति पाठ | Shri Shyam Akhand Jyoti Path

॥श्री गणेशाय नमः॥ “अखण्ड ज्योत है अपार माया। श्याम देव की परबल छाया॥” पुण्य भूमि भारत विश्व का वह स्थल है जहां जन्म लेने के लिए स्वर्ग देवता भी लालायित रहते हैं। उस जीव के … Read more

घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो | Ghar Me Padharo Gajanand Ji

घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारोरिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो ॥ राम जी आना, लक्ष्मण जी आनासंग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो ॥ ब्रम्हा जी आना, … Read more

रावण रचित श्री शिव ताण्डव स्तोत्र | Ravan Rachit Shiv Tandav Strotra | सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम् | SarthShivTandavStrotram

ravan शिव ताण्डव स्तोत्र Shiv Tandav Strotra सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम् SarthShivTandavStrotram

रावण रचित श्री शिव ताण्डव स्तोत्र जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले, गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌ ॥१॥ जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी, विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि। धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके, किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम: ॥२॥ धराधरेंद्रनंदिनी … Read more

श्री शिव-पूजन विधि | Shri Shiv Pooja Vidhi

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श्री शिव-पूजन विधि भगवान् श्री शिव का ध्यान सुन्दर कैलाश पर्वत पर भगवान श्री शंकर विराजमान हैं। रक्ताम सुन्दर गौरवर्ण है। रत्नसिंहासन पर मृगछाला बिछी है, उसी पर आप आसीन है। चार भुजाएँ हैं, दाहिने … Read more

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद लेना चाहिए या नहीं – शिव निर्माल्य

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद लेना चाहिए या नहीं - शिव निर्माल्य

शिव निर्माल्य भगवान शंकर पर चढ़ा हुआ प्रासद ग्रहण किया जाय या नहीं- इस सम्बन्ध में बहुत मति-भ्रम है। शिव के प्रसाद में चण्ड का भाग होता है। भगवान् महेश्वर के मुख-तेज से प्रकट चण्डेश्वर … Read more

शिव पूजन में ध्यान रखने मुख्य बातें | Shiv Pooja me Dhyan Rakhne Yogya Mukhya Baaten

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शिव पूजन में ध्यान रखने मुख्य बातें किसी भी देव पूजन में मनुष्य को स्नान आदि से शुद्ध तो होना ही पड़ता है, यदि सम्भव हो और कठिनाई न हो तो पूजा करने वाले को … Read more

शिव पूजन का प्रारम्भ तथा महत्व | Shiv Pooja ka Prarmbh and Mahatva

शिव पूजन का प्रारम्भ तथा महत्व

शिव पूजन का प्रारम्भ तथा महत्व विश्व को चेतना देने के लिए ही शिव को सर्वशक्ति मान संसार का रचयिता माना गया है। शिव अनादि अनंत, नित्य, निर्विकार, अज, सर्वोपरि तथा सनातन देव हैं। इनकी … Read more

श्री सूर्य भगवान् की आरती | Aarti Shri Surya Bhagwan ji

श्री सूर्य भगवान् की आरती | Aarti Shri Surya Bhagwan ji

॥श्री सूर्य भगवान् की आरती॥ Aarti Shri Surya Bhagwan ji जय कश्यप नन्दन, जय अदिति नन्दन । त्रिभुवन- तिमिर-निकन्दन, भक्त हृदय वन्दन ॥ सप्त अश्व रथ राजित, चतुर्भुजा धारी । दुखहारी, सुखकारी, भक्तन हितकारी ॥ … Read more

श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Ashtakam (with Hindi Meaning)

श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Ashtakam (with Hindi Meaning)

श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) Shri Ashtakam (with Hindi Meaning) आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर । दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ॥ अर्थ: हे आदि देव ! आपको नमस्कार है । हे भास्कर ! आप मुझ … Read more

श्री सूर्य कवचम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Surya kavach (with Hindi meaning)

श्री सूर्य कवचम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Surya kavach (with Hindi meaning)

श्री सूर्य कवचम् (हिंदी अनुवाद सहित) Shri Surya kavach (with Hindi meaning) शृणुध्वं मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचम् शुभम् । शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्वसौभाग्यदायकम् ।। अर्थ: हे शार्दूल मुनि ! भगवान् सूर्य के कल्याणकारी कवच को सुनो। यह … Read more

श्री आदित्य हृदय स्तोत्रम् (अर्थ सहित) | भगवान् सूर्य के प्रसिद्ध बारह नाम | श्री सूर्य कवचम् | श्री सूर्याष्टकम् | आरती सहित)

sri-aditya-hridaya-stotram-sri-surya-kavach-sri-suryashtakam-surya-aarti श्री आदित्य हृदय स्तोत्रम् भगवान् सूर्य के बारह नाम श्री सूर्य कवचम् श्री सूर्याष्टकम् व आरती (अर्थ सहित)

॥विनियोगः॥ ॐ अस्य आदित्यहृदयस्तोत्रस्य अगस्त्य ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, आदित्यहृदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता, निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः । इस आदित्य हृदय स्तोत्र के ऋषि अगस्त्य, छन्द अनुष्टुप्, देवता आदित्यहृदयभूत भगवान् ब्रह्मा हैं । सभी … Read more