श्री श्याम अखंड ज्योति पाठ | Shri Shyam Akhand Jyoti Path
॥श्री गणेशाय नमः॥ “अखण्ड ज्योत है अपार माया। श्याम देव की परबल छाया॥” पुण्य भूमि भारत विश्व का वह स्थल है जहां जन्म लेने के लिए स्वर्ग देवता भी लालायित रहते हैं। उस जीव के … Read more
॥श्री गणेशाय नमः॥ “अखण्ड ज्योत है अपार माया। श्याम देव की परबल छाया॥” पुण्य भूमि भारत विश्व का वह स्थल है जहां जन्म लेने के लिए स्वर्ग देवता भी लालायित रहते हैं। उस जीव के … Read more
रावण रचित श्री शिव ताण्डव स्तोत्र जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले, गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम् ॥१॥ जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी, विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि। धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके, किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम: ॥२॥ धराधरेंद्रनंदिनी … Read more
श्री शिव-पूजन विधि भगवान् श्री शिव का ध्यान सुन्दर कैलाश पर्वत पर भगवान श्री शंकर विराजमान हैं। रक्ताम सुन्दर गौरवर्ण है। रत्नसिंहासन पर मृगछाला बिछी है, उसी पर आप आसीन है। चार भुजाएँ हैं, दाहिने … Read more
शिव पूजन में ध्यान रखने मुख्य बातें किसी भी देव पूजन में मनुष्य को स्नान आदि से शुद्ध तो होना ही पड़ता है, यदि सम्भव हो और कठिनाई न हो तो पूजा करने वाले को … Read more
शिव पूजन का प्रारम्भ तथा महत्व विश्व को चेतना देने के लिए ही शिव को सर्वशक्ति मान संसार का रचयिता माना गया है। शिव अनादि अनंत, नित्य, निर्विकार, अज, सर्वोपरि तथा सनातन देव हैं। इनकी … Read more
कीर्तन-1 हरिशरणम् हरिशरणम्, हरिशरणम् हरिशरणम् । दयालु राम की शरणम्, कृपालु कृष्ण की शरणम् ॥1॥ हरिशरणम्… तुम्हारा नाम सुन करके, मैं दुनिया छोड़ आया हूँ। पिलादो नाम का अमृत, यह आशा लेकर आया हूँ ॥2॥ … Read more
श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) Shri Ashtakam (with Hindi Meaning) आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर । दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ॥ अर्थ: हे आदि देव ! आपको नमस्कार है । हे भास्कर ! आप मुझ … Read more
श्री सूर्य कवचम् (हिंदी अनुवाद सहित) Shri Surya kavach (with Hindi meaning) शृणुध्वं मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचम् शुभम् । शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्वसौभाग्यदायकम् ।। अर्थ: हे शार्दूल मुनि ! भगवान् सूर्य के कल्याणकारी कवच को सुनो। यह … Read more
॥विनियोगः॥ ॐ अस्य आदित्यहृदयस्तोत्रस्य अगस्त्य ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, आदित्यहृदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता, निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः । इस आदित्य हृदय स्तोत्र के ऋषि अगस्त्य, छन्द अनुष्टुप्, देवता आदित्यहृदयभूत भगवान् ब्रह्मा हैं । सभी … Read more
शिवाष्टकम् | Shivashtakam जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे, जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर, जय जय प्रेमागार हरे, जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित अनन्त अपार हरे,निर्गुण जय जय सगुण … Read more
गीता-महिमा | Geeta-Mahima गीता हृदय भगवान् का सब ज्ञान का शुभ सार है। इस शुद्ध गीता ज्ञान से ही चल रहा संसार है॥ गीता परमविद्या सनातन सर्वशास्त्र प्रधान है। परब्रह्म रूपी मोक्षकारी नित्य गीता-ज्ञान है॥ यह … Read more
हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहितHanuman Chalisa Hindi Anuvad Sahit हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया है। क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे … Read more