हनुमान जी की जन्म कथा एवं प्रसिद्धि | धार्मिक कहानियां
हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना (एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था।अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा थी, मगर एक श्राप के कारण उन्हें नारी वानर के … Read more
हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना (एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था।अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा थी, मगर एक श्राप के कारण उन्हें नारी वानर के … Read more
।।श्रीहरि।।नित्य पठनीय एवं कंठस्थ करने योग्य गीता जी के पांच श्लोक वसुदेव सुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतनामीश्वरोऽपि सन्।प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय सम्भवाम्यात्ममायया ॥1॥ यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥2॥ … Read more
महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे, पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता … Read more
एकबार एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी, उसे रोज़ ताने देती, झगड़ती। एक बार पूर्णिमा के दिन गरीब ब्राह्मण पुत्र … Read more
डॉक्टर साहब ने स्पष्ट कह दिया, “जल्दी से जल्दी प्लाज्मा डोनर का इंतजाम कर लो, नहीं तो कुछ भी हो सकता है।”रोहन को कुछ भी नहीं सूझ रहा था। माँ फफक- फफक कर रो रही … Read more
बहुत समय पहले की बात है हिमालय के जंगलों में एक बहुत ताकतवर शेर रहता था। एक दिन उसने बारासिंघे का शिकार किया और खाने के बाद अपनी गुफा को लौटने लगा। अभी उसने चलना … Read more
एक चतुर व्यक्ति को काल से बहुत डर लगता था, और वह सोचता था कि मेरी किसी भी क्षण मृत्यु हो सकती है। वह क्या करे ? एक दिन उसे चतुराई सूझी और काल को … Read more
बासमती चावल बेचने वाले एक सेठ की स्टेशन मास्टर से साँठ-गाँठ हो गयी और सेठ को आधी कीमत पर बासमती चावल मिलने लगा। सेठ ने सोचा कि इतना पाप हो रहा है, तो कुछ धर्म-कर्म … Read more
सम्पूर्ण संकटमोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Asthak श्री हनुमान जी की आराधना में हनुमान चालीसा, संकटमोचन हनुमानाष्टक, बजरंग बाण, हनुमान जी की आरती के पाठ का बहुत बड़ा महत्व है। संकटमोचन हनुमान अष्टक … Read more
श्रीमार्कंडेय पुराण अंतर्गत देवी महात्म्य में ‘श्लोक’, ‘अर्द्धशालोक’ और ‘उवाच’ आदि मिलकर 700 मंत्र है। यह महात्म्य दुर्गा सप्तशती के नाम से प्रसिद्ध है। सप्तशती अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष – चारों पुरुषार्थ को प्रदान करने … Read more
गणेश जी की आरती | Ganesh ji ki Aarti जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े … Read more
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को ।