मन के हारे हार है, मन के जीते जीत | Man ke Hare Haar hai, Man ke Jeete Jeet | प्रेरणादायक प्रसंग

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत निश्चित ही मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। यह बात कई बार आपके मुख से निकली होगी और बहुधा (बहुत बार) दूसरों के … Read more

श्री सूर्य भगवान् की आरती | Aarti Shri Surya Bhagwan ji

श्री सूर्य भगवान् की आरती | Aarti Shri Surya Bhagwan ji

॥श्री सूर्य भगवान् की आरती॥ Aarti Shri Surya Bhagwan ji जय कश्यप नन्दन, जय अदिति नन्दन । त्रिभुवन- तिमिर-निकन्दन, भक्त हृदय वन्दन ॥ सप्त अश्व रथ राजित, चतुर्भुजा धारी । दुखहारी, सुखकारी, भक्तन हितकारी ॥ … Read more

श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Ashtakam (with Hindi Meaning)

श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Ashtakam (with Hindi Meaning)

श्री सूर्याष्टकम् (हिंदी अनुवाद सहित) Shri Ashtakam (with Hindi Meaning) आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर । दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ॥ अर्थ: हे आदि देव ! आपको नमस्कार है । हे भास्कर ! आप मुझ … Read more

श्री सूर्य कवचम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Surya kavach (with Hindi meaning)

श्री सूर्य कवचम् (हिंदी अनुवाद सहित) | Shri Surya kavach (with Hindi meaning)

श्री सूर्य कवचम् (हिंदी अनुवाद सहित) Shri Surya kavach (with Hindi meaning) शृणुध्वं मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचम् शुभम् । शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्वसौभाग्यदायकम् ।। अर्थ: हे शार्दूल मुनि ! भगवान् सूर्य के कल्याणकारी कवच को सुनो। यह … Read more

श्री आदित्य हृदय स्तोत्रम् (अर्थ सहित) | भगवान् सूर्य के प्रसिद्ध बारह नाम | श्री सूर्य कवचम् | श्री सूर्याष्टकम् | आरती सहित)

sri-aditya-hridaya-stotram-sri-surya-kavach-sri-suryashtakam-surya-aarti श्री आदित्य हृदय स्तोत्रम् भगवान् सूर्य के बारह नाम श्री सूर्य कवचम् श्री सूर्याष्टकम् व आरती (अर्थ सहित)

॥विनियोगः॥ ॐ अस्य आदित्यहृदयस्तोत्रस्य अगस्त्य ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, आदित्यहृदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता, निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः । इस आदित्य हृदय स्तोत्र के ऋषि अगस्त्य, छन्द अनुष्टुप्, देवता आदित्यहृदयभूत भगवान् ब्रह्मा हैं । सभी … Read more

श्री कालू खेड़े वाली माँ काली की आरती | Shri Kalu Khede Wali Maa Kali Ki Aarti

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श्री कालू खेड़े वाली माँ की आरतीShri Kalu Khede Wali Ma Kali Ki Aarti सभी मिल सकत्या नवलख संग डोकरी जिमो माँ काली लाडू पेड़ा और लापसी, खीर भरी थाली।सुवरण थाल छतीस्यु भोजन, बेठो विरदाली॥1॥ … Read more

तुला दान क्या है? कब और क्यों करना चाहिए | Tula Daan kab or kyun karna chahiye ?

तुला दान क्या है कब और क्यों करना चाहिए | What is tula daan, tula daan kaise karen, tula daan kya hota hai, tula daan kisko karna hahiye

तुलादान से होता है कल्याण, जानें तुलादान का धार्मिक महत्व और नियम हमारी सनातन परंपरा में दान (Daan) का बहुत महत्व है। कलयुग में कल्याण और मोक्ष की चाह रखने वालों को आखिर किस चीज … Read more

शिवाष्टकम् | Shivashtakam

शिवाष्टकम् | Shivashtakam

शिवाष्टकम् | Shivashtakam जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे, जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर, जय जय प्रेमागार हरे, जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित अनन्त अपार हरे,निर्गुण जय जय सगुण … Read more

गीता-महिमा | Geeta-Mahima

गीता-महिमा | Geeta-Mahima

गीता-महिमा | Geeta-Mahima गीता हृदय भगवान् का सब ज्ञान का शुभ सार है। इस शुद्ध गीता ज्ञान से ही चल रहा संसार है॥ गीता परमविद्या सनातन सर्वशास्त्र प्रधान है। परब्रह्म रूपी मोक्षकारी नित्य गीता-ज्ञान है॥ यह … Read more

हनुमान चालीसा हिंदी अनुवाद सहित | Hanuman Chalisa Hindi Anuvad Sahit

हनुमान चालीसा हिंदी अनुवाद सहित | Hanuman Chalisa Hindi Anuvad Sahit

हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहितHanuman Chalisa Hindi Anuvad Sahit हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया है। क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे … Read more

आरती श्री विश्वकर्मा जी की | Aarti Shri Vishwakarma Ji Ki

आरती श्री विश्वकर्मा जी की | Aarti Shri Vishwakarma Ji Ki

आरती श्री विश्वकर्मा जी कीAarti Shri Vishwakarma Ji Ki ओ३म् जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा। सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा ॥१॥ ॐ जय…आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया। जीव … Read more

आरती श्री शनि देव जी की | Aarti Shri Shani Dev Ji Ki

आरती श्री शनि देव जी की | Aarti Shri Shani Dev Ji Ki

आरती श्री शनि देव जी की Aarti Shri Shani Dev Ji Ki जय जय रविनन्दन जय दुःख भंजन।जय-जय शनि हरे ॥टेक॥जय भुजचारी, धारणकारी, दुष्ट दलन॥तुम होत कुपित, नित करत दुखी, धनी को निर्धन॥तुम धर अनुप यम … Read more