श्याम से मिलने का सत्संग ही बहाना है,
मिल जाये साँवरिया, मेरा रिश्ता पुराना है॥ टेर॥
मथुरा में ढूँढा तुझे, गोकुल में पाया है,
वृन्दावन की गलियों में, मेरे श्याम का ठिकाना है
श्याम से…..
ग्वालों में ढूँढा तुझे, गोपियों में पाया है,
राधाजी के हृदय में मेरे श्याम का ठिकाना है।
श्याम से…..
रामायण में ढूँढा तुझे, भागवत में पाया है,
गीताजी के पन्नों में, मेरे श्याम का ठिकाना है।
श्याम से……
बागों में ढूँढा तुझे, फूलों में पाया हैं,
फूलों की खुशबू में, मेरे श्याम का ठिकाना है।
श्याम से…..
गलियों में ढूँढा तुझे, मन्दिरों में पाया है,
भक्तों के हृदयों में, मेरे श्याम का ठिकाना है।
श्याम से मिलने का सत्संग ही बहाना है॥