आरती महाशिवरात्रि की | Aarti MahaShivratri Ki
आ गई महाशिवरात्रि पधारो शंकर जी,
हो पधारो शंकर जी आरती ऊतारें पार।
उतारो शंकर जी हो उतारो शंकर जी,
तुम नयन-नयन में हो मन मन में धाम तेरा।
हे नीलकण्ठ है कण्ठ कण्ठ में नाम तेरा,
हो देवों के देव जगत के प्यारे शंकर जी।
तुम राजमहल में तुम्हीं भिखारी के घर में,
धरती पर तेरा चरन मुकुट है अम्बर में।
संसार तुम्हारा एक हमारे शंकर जी,
तुम दुनिया बसा कर भस्म रमाने वाले हो।
पापी के भी रखवाले भोले भाले हो,
दुनिया में भी दो दिन तो गुजारो शंकर जी।
क्या भेंट चढ़ायें तन मैला घर सूना है,
ले लो आँसू के गंगाजल का नमूना है।
आ करके नयन में चरण पखारो शंकर जी।