आरती श्री मनसा देवी की | Arti Shri Mansa Devi
आरती श्री मनसा देवी की जय मनसा माता, मैया जय मनसा माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ टेक॥ जरत्कारु मुनि पत्नि, तुम बासुक भगनी, मैया तुम बासुक भगनी। कश्यप की तुम कन्या, … Read more
आरती श्री मनसा देवी की जय मनसा माता, मैया जय मनसा माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ टेक॥ जरत्कारु मुनि पत्नि, तुम बासुक भगनी, मैया तुम बासुक भगनी। कश्यप की तुम कन्या, … Read more
आरती श्री गायत्री जी की आरती श्री गायत्री जी की ॥ टेक ॥ ज्ञान को दीप और श्रद्धा की बाती, सो भक्ति ही पूर्ति करै जहं घी की ॥आरती॥ मानस की शुचि थाल के ऊपर, … Read more
आरती श्री सरस्वती जी की आरती कीजे सरस्वती जी की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की ।टेक। जाकी कृपा कुमति मिट जाए, सुमिरन करत सुमति गति आये, शुक सनकादिक जासु गुण गाये, वाणि रूप अनादि शक्ति … Read more
आरती श्री लक्ष्मी जी ओ३म् जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु धाता ॥ओ३म्॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ओ३म्॥ दुर्गा रूप निरंजनि, … Read more
महामृत्युन्जय मंत्र | Mahamartunjay Mantra ॐ त्रयंबकं यजामहे सुगन्धि पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनात् मृप्योर्मुक्षीय मामृतात् ।। शब्दार्थ:- हम भगवान शंकर की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति … Read more
गायत्री महामंत्र | Gayatri Mantra गायत्री मंत्र के उपासक अर्थात गायत्री मंत्र का जाप करने वालों के पास भूत प्रेत भूलकर भी नहीं आ सकते क्योंकि गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो मन को … Read more
आरती क्या है? और कैसे करनी चाहिये? आरती को ‘आरात्रिका’ अथवा ‘आरार्तिक’ और ‘नीराजन’ भी कहते हैं। पूजा के अन्त में आरती की जाती है। पूजन में जो त्रुटि रह जाती है, आरती से उसकी … Read more
श्याम से मिलने का सत्संग ही बहाना है,मिल जाये साँवरिया, मेरा रिश्ता पुराना है॥ टेर॥ मथुरा में ढूँढा तुझे, गोकुल में पाया है, वृन्दावन की गलियों में, मेरे श्याम का ठिकाना हैश्याम से….. ग्वालों में … Read more
कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है भजन लिरिक्सKirtan Ki Hai Raat Baba Aaj Thane Aano Hai Bhajan Lyrics कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है थाने कोल निभानो है, कीर्तन … Read more
॥श्री हनुमान वन्दना॥ प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यान घन। जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ भावार्थ: अतुल बलके धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के … Read more
कभी राम बनके कभी श्याम बनके,चले आना प्रभुजी चले आना॥ कभी राम बनके कभी श्याम बनके,चले आना प्रभुजी चले आना॥ तुम राम रूप में आना,तुम राम रूप में आनासीता साथ लेके,धनुष हाथ लेके,चले आना प्रभुजी … Read more